कौन बनेगा भारत का प्रधान मंत्री। कौन है BJP के हार का जुम्मेदार

जैसे ही लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आए बीजेपी में टकराव तेज हो गया। सामने से तो कोई बोल नहीं रहा है लेकिन नाराज देखी जा रही है। बीजेपी के नेताओं का कहना है की BJP के हार के लिए नरेंद्र मोदी हैं, क्योंकि नरेंद्र मोदी ने ही चुनाव की पूरी रणनीति तैयार की पूरा चुनाव अपने इर्दगिर्द रखा और पार्टी का नारा अबकी बार 400 पार नरेंद्र मोदी का दिया हुआ था। मोदी सरकार के नाम पर चुनाव हुआ और जब चुनाव में हार मिली तो वो जिम्मेदारी भी लेने को तैयार नहीं है.

कौन बनेगा भारत का प्रधान मंत्री

दरअसल इस बार के लोकसभा चुनावों में पीएम मोदी गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक तरफा फैसले लिए राज्य के नेताओं की सिफारिश तक नहीं मानी गई बीजेपी में टिकट वितरण को लेकर दावा तो यहां तक किया जाने लगा कि जिस राज्य में बीजेपी सरकार है वहां के सीएम तक को पता नहीं था कि उनके राज्य में बीजेपी किसे उम्मीदवार बना रही है. दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की भी टिकट वितरण को लेकर जो शिकायतें थी उस पर ध्यान नहीं दिया गया. ऐसे में जब पूरा चुनाव ही पीएम मोदी ने अपने नाम पर लड़ा तो फिर हार की जिम्मेदारी नहीं लेने पर आरएसएस भी नाराज दिखाई दे रहा है. 

आरएसएस ने भी हार के लिए पीएम मोदी और उनकी रणनीति को ही जिम्मेदार माना है दावा किया जा रहा है कि संघ नहीं चाहते कि पीएम मोदी को तीसरा कार्यकाल दिया जाए इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया इस बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू ने भी पीएम मोदी को विदाई देने के लिए तैयारी कर ली है. 

पीएम के लिए विदाई डिनर का आयोजन किया गया है वैसे बीजेपी के अंदर पीएम मोदी का समर्थक गुट दावा कर रहा है कि वह 8 जून को एक बार फिर से पीएम पद की शपथ लेने वाले हैं, लेकिन इस समय तो एनडीए की सरकार ही बनती नहीं दिख रही है बीजेपी को सिर्फ 240 सीटों पर जीत मिली है और उसके गठबंधन में जो दल शामिल है उसमें तीन प्रमुख दल चुनावों से ठीक पहले एनडीए में आए थे चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार और चिराग पासवान तीनों ही एनडीए में आते जाते रहे हैं. 

नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव का ऐलान होने से 50 दिन पहले एनडीए में शामिल हुए तो चंद्रबाबू नायडू चुनाव का ऐलान होने के बाद से एनडीए में हैं तो चिराग पासवान भी कुछ दिनों पहले ही एनडीए में शामिल हुए थे और दावा किया जा रहा है कि यह तीनों ही एनडीए छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें एहसास है कि मोदी सरकार में उन्हें सम्मान नहीं मिलेगा जो इंडिया की सरकार में मिलेगा. 

मोदी सरकार ने चिराग को तो घर तक से निकाल के बाहर कर दिया था तो चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार भी अपना अपमान भूले नहीं हैं. राजनीतिक मजबूरियों के चलते ये लोग बीजेपी के साथ थे लेकिन अब ये मजबूरियां समाप्त होती दिख रही हैं. टीडीपी के पास 16, जेडीयू के पास 12 और एलजेपीआर के पास 5 सीट हैं. यह तीनों ही अलग हो जाते हैं तो एनडीए बहुमत की दौड़ से दूर हो जाएगा, तो इंडिया सत्ता में आ जाएगा वैसे तो इन नेताओं की सबसे बड़ी नाराजगी पीएम मोदी को लेकर ही है यह तीनों मोदी राज में ही एनडीए से दूर हुए थे नहीं तो चंद्रबाबू नायडू हो या फिर नीतीश कुमार दोनों लंबे वक्त तक एनडीए में रहे हैं. ऐसे में एक बात तो साफ दिखाई दे रही है कि सरकार को बचाए रखने के लिए पीएम मोदी को हटाने की पूरी तैयारी हो चुकी है.

आरएसएस तो पहले से ही मोदी के विकल्प की तलाश कर रहा था और अब मौका भी आ गया है सरकार बनानी है तो मोदी का जाना तय है इस बीच बीजेपी के अंदर ही दो-तीन नेताओं ने पीएम पद को लेकर अपनी दावेदारी की कोशिश शुरू कर दी है. फिलहाल बीजेपी की तरफ से पीएम दावेदारी में कौन सा नेता बाजी मारेगा यह आरएसएस तय करेगा. लेकिन उससे पहले यह भी जरूरी है कि एनडीए एकजुट रहे फिलहाल तो जैसे हालात दिखाई दे रहे हैं उसमे एनडीए टू दिखाई दे रहा है ऐसे में सरकार इंडिया की बन सकती है


एक टिप्पणी भेजें