उत्तर प्रदेश में BJP की परेशानी। केशव प्रसाद मौर्य और योगी आदित्यनाथ be बीच तनाव

अभी फिलहाल उत्तर प्रदेश में माहौल गर्म है। उत्तर प्रदेश में BJP की परफॉर्मेंस ने राज में एक चर्चा का माहौल बना दिया है। लगातार होरहे हाई प्रोफाइल मीटिंग और राज्य और केंद्र सरकार की नेताओं के बीच के तनाव ने माहौल को और भी ज्यादा गर्म कर दिया है। पिछले कई दिनों से लखनऊ और दिल्ली में बीजेपी प्रेसिडेंट जेपी नड्डा और नरेंद्र मोदी के बीच हुई बार-बार मीटिंग की वजह से इस तनाव को और भी ज्यादा बढ़ावा दिया है।

Chaudhary Bhupendra Singh की Report

BJP के Member of the Uttar Pradesh Legislative Council Chaudhary Bhupendra Singh ने राज्य में BJP के लोक सभा परफॉर्मेंस पर आधारित एक 15 पेज की रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजेपी का वोट शेयर उत्तर प्रदेश के 6 रीजन में कम से कम 8% काम हुआ है। पार्टी का परफॉर्मेंस सबसे ज्यादा खराब वेस्टर्न यूपी और काशी में रहा है। इसकी अलावा एडमिनिस्ट्रेटर और सरकारी ऑफिशल के आर्बिट्ररी काम पार्टी वर्कर्स की dissatisfaction और सरकार के विरोध ने भी इसमें योगदान दिया है।

इस रिपोर्ट में अन्य चीजों का जिक्र भी किया गया है जैसे की सरकारी नौकरी के क्वेश्चन पेपर लीक होना, राजपूत कम्युनिटी की नाराजगी, संविधान को लेकर पार्टी लीडर्स के टिप्पणी और विरोध पक्ष के रिजर्वेशन खत्म होने के दावे ने भी BJP की परफॉर्मेंस को प्रभावित किया है। BJP का कहना है की 30-40 हजार वोटर्स के नाम वोटर लिस्ट से इलेक्शन कमीशन द्वारा हटाया गया है जो को पार्टी के लिए और भी नुकसान दायक हुआ।

पार्टी की अंदर का तनाव

दिल्ली और लखनऊ मैं हुए कई मीटिंग को देख कर अंदेशा बढ़ रहा है की उत्तर प्रदेश में बाइपोल्स के बाद कुछ भी बदलाव हो सकता है। इसके अलावा योगी आदित्यनाथ की सुपर 30 टीम में डेप्युटी चीफ मिनिस्टर केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पटक को शामिल न करने से भी तनाव बढ़ गया है।

विपक्ष का रिस्पॉन्स

पार्टी का अंदरूनी मामले अपोजिशन के लिए एक नया हतियार बन गया है। समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने अपने ' X' twitter पर पोस्ट करते हुए कहा की "मानसून ऑफर: सौ लाओ, सरकार बनाओ"। BJP और योगी आदित्यनाथ के अंदरूनी तनाव ठीक होपाएगा या नहीं यह देखना बाकी है।

आगे क्या होगा

अब यह देखना होगा की केशव प्रसाद मौर्य और योगी आदित्यनाथ के बीच का तनाव पार्टी को और नुकसान पहुंचाएगा या फिर इन सब मुश्किलों के बाद BJP आने वाले इलेक्शन में बेहतर परफॉर्मेंस कर पाएगी?

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